Header Ads

गर्भावस्था में सहयोगी है संगीत थैरेपी (Music Therapy is helpful in pregnancy)

गर्भावस्था में सहयोगी है संगीत थैरेपी (Music Therapy is helpful in pregnancy)

गर्भावस्था में सहयोगी है संगीत थैरेपी (Music Therapy is helpful in pregnancy)

संगीत का इतिहास तो सदियों पुराना है। पूर्व काल से ही संगीत की महत्ता सभी जानते हैं। संगीत की शक्ति से भी हम सभी परिचित है। हमारे पूर्व में कई संगीतज्ञ रहे हैं, जिन्होंने संगीत के बल पर बरसात कराई है। संगीत में एक राग है जिसे हम राग मल्हार के नाम से जानते है। इस राग को अगर कोई संगीतज्ञ पूर्ण ध्यान यौग और एकाग्रता से बजाता हुआ उसमें समाहित होकर राग निकाले तो प्रकृति भी वैसा वातावरण निर्मित करने के लिए बाध्य हो जाती है और पानी बरसने लगता है।

इसी प्रकार दीपक राग के माध्यम से दीपक को प्रज्जवलित किया जा सकता है। इस तरह के शोध हमारे पूर्वज गायक करते थे और उन शोधों के अनुसार विभिन्न ध्वनियों को एक राग का नाम देते थे। ये राग अपने नाम के अनुसार कार्य करने में सक्षम थे।

किसी भी वर्ण का उच्चारण एक विशेष विधि से करने पर एक ध्वनि निकलती है और अनेक विविध वर्णों के विशेष क्रम के उच्चारण से राग बनता है। यह बात हमारे पूर्वज जान चुके थे। और उसी को समझते हुये कुछ वर्णों को एक विशेष क्रम में संजोकर लय के साथ ध्वनि निकाल कर राग का निर्माण करते थे और यही राग कोई भी अपने नाम के अनुरुप कार्य करने में सक्षम होता था।

हमारे वर्ण माला का प्रत्येक अक्षर मंत्र है और इन्हीं वर्णों को जोड़कर हम शब्द उच्चारण करते हैं। जिससे हमें इन शब्दों को सुनकर, गुस्सा आता है तो प्यार भी आता है। जरूरत होती है एक विशेष क्रम से इन वर्णों को शब्दों में पिरोकर उच्चारण करने की।

इन्हीं वर्णों के मेल से संगीत की ध्वनि निकलती है और यही एक विशेष प्रकार की ध्वनि राग कहलाती है। यही राग जब पूर्ण एकाग्र मन से कोई संगीतज्ञ बजाता है तो उसी तरह का वातावरण हमारे चारों तरफ फैलने लगता है। अच्छी ध्वनि बजने से हमारे अन्दर खुशी का माहौल छाता है, तो युद्ध की ध्वनि बजने पर रणबाकुरों की बांहे फड़कने लगती हैं उनका खून उबाल लेने लगता है।

यह संगीत जितना हमें प्रभावित करता है उतना ही गर्भावस्था में पल रहे शिशु को भी प्रभावित करता है। इसके उदाहरण ग्रंथों में भरे पड़े हैं। महाभारत काल में अभिमन्यु का उदाहरण तो आप सभी को मालूम ही है। अभिमन्यू ने गर्भावस्था के दौरान ही चक्रव्यूह भेदन का ज्ञान प्राप्त किया था। इससे समझा जा सकता है कि यह संगीत जितना हमें प्रभावित करता है उतना ही गर्भ में पल रहे शिशु को भी प्रभावित करेगा।

अतः गर्भवती स्त्री को अच्छा मन को भाने वाला संगीत सुनना चाहिए। ध्यान रहे आज का कर्कस डिस्को संगीन न सुने नहीं तो बच्चे पर उसी तरह का गलत प्रभाव पड़ता है। अच्छा शास्त्रीय संगीत या अन्य संगीत जो आपको चैतन्यता दे। माँ के भजन या देवी-देवताओं के भजनों का संगीत जो मन को अच्छा लगे सुनना चाहिए। इससे स्त्री में नई ऊर्जा आती है, डिप्रेसन से बचती है और स्त्री के माध्यम से बच्चे तक यह संगीत पहंुचकर बच्चे में नई ऊर्जा का संचार करता है। शरीर के इलाज में संगीत का भी अपना अहम योगदान है, जिस प्रकार आयुर्वेद या अन्य थेरेपी शरीर के रोगों को समाप्त करने में सहायक होती है, उसी प्रकार संगीत थेरेपी मन को प्रसन्न और  चेतनावान् बनाती है और जब व्यक्ति का आत्मबल बलवान होता है, तो वह किसी भी रोग से लडऩे की क्षमता हासिल कर लेता हैं यह संगीत आपके मन को तरोताजा बनाता है। गर्भस्थ शिशु को आत्मिक सबल बनाने के लिए धार्मिक मधुर संगीत बहुत ही उपयोगी है और गर्भस्थ शिशु में संस्कारों का विकास करता है। तन, मन को चैतन्य करता है और बच्चे में एक नई ऊर्जा का संचार करता है। इस शरीर को बहुत अच्छा-अच्छा भोजन कराये, बहुत ही स्वस्थ रखें परन्तु अगर इसको चलाने वाली आत्मा कमजोर है, आत्मविश्वास टूट चुका है तो यह शरीर ज्यादा दिन नहीं चलता है परन्तु आत्मा पूर्ण चैतन्य और आत्मबल से ओतप्रोत हो, तो कमजोर शरीर को भी स्वस्थ कर देती है। संगीत आत्मा को चैतन्य और ऊर्जावान् बनाती है तथा रोगों से लडऩे की क्षमता प्रदान करती है।

music in pregnancy, benefits of music in pregnancy, music therapy definition, benefits of music therapy, Music Therapy is helpful in pregnancy

कोई टिप्पणी नहीं

Featured Post

dfli के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.