सेहत से खिलवाड़ का नाम है डायटिंग (Dieting is flirting with health)
सेहत से खिलवाड़ का नाम है डायटिंग (Dieting is flirting with health)
वजन घटाने के लिए की जा रही डायटिंग हमेशा लाभकारी नहीं होती है। अधिकांश युवतियां अपने आपको छरहरा एवं स्लिम बनाने के लिए अनेकों दवाओं का इस्तेमाल करती है तथा खाना घटा देती है।सुन्दर एवं छरहरा दिखना अच्छी बात है, परन्तु इस सुन्दरता के चक्कर में अनेक रोगों को निमन्त्रण देना समझदारी नहीं है। हमें अपनी सेहत के प्रति सजग रहना चाहिये। ध्यान रखना चाहिये की हम मोटे न हो पाये। परन्तु सन्तुलित आहार लेना आवश्यक है। जिन वस्तुओं के खाने से मोटापा बढ़ता हो उनका सेवन कम करें परन्तु शरीर के लिए आवश्यक एवं पोषक तत्त्वों वाले खाद्य अवश्य सेवन करें।
जीरो फिगर साइज के लिये हम भर पेट खाना नहीं खाते और कुछ दवाओं का सेवन करते है तथा अधिक व्यायाम करते हैं, इससे हमारा शरीर तो छरहरा बन जाता है, परन्तु हमारे साथ अनेकों समस्याये जुड़ जाती हैं।
डायटिंग के चक्कर में जब हम पौष्टिक खाना कम कर देते हैं, तो हमारे शरीर को जरूरी मिनरल्स, विटामिन कैल्शियम नहीं मिल पाते हैं, जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है और रोगों से लडऩे की क्षमता कमजोर हो जाती है, इस स्थिति में अनेक रोग हमारे शरीर मे डेरा डाल देते हैं। जिससे अनेक परेशानियों को झेलना पड़ता है। डायटिंग से शरीर कमजोर हो जाता है और चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, डिप्रेशन, हृदय रोग जैसे रोग पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है।
डायटिंग से शरीर में प्रोटीन, आवश्यक मिनरल्स, कैल्शियम और पानी की कमी हो जाती है। जिससे शरीर की क्षमता घटने लगती है। ज्यादा चलने से थकान बड़ी जल्दी आती है। कमजोरी महसूस होती है। कार्य करने की क्षमता घटती है। हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है, जब शरीर में कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा घटती है, तो ऑस्टियोपोरोसिस होने की समस्या बढ़ जाती है।
पानी की कमी से शरीर में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है। त्वचा की चमक कम होने लगती है तथा त्वचा में झुर्रियां पडऩे लगती हैं। बाल झडऩे की समस्या पैदा होने लगती है। मासिक धर्म अनियमित होने की सम्भावना बढ़ जाती है, जिससे गर्भधारण की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। ब्लड प्रैशर कम होने लगता है, इस स्थिति में दिल की धड़कन अनिमित हो सकती है और बेहोसी आने का खतरा भी बढ़ जाता है। लीवर कमजोर हो जाता है, जिसका प्रभाव पाचन क्रिया पर पड़ता है।
कुछ दिन तक डायटिंग करने के बाद अगर हम चाहे कि भरपूर खाना खा सके तो उस स्थिति में हमारा लीवर कार्य करना कम कर देता है और हम चाह कर भी अपने शरीर को सुधार नहीं सकते हैं आगे ज्यादा खाने पर पेट में गैस बनना अपच की शिकायत हो सकती है, आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है।
सन्तुलित आहार लेकर भी हम अपने शरीर को मोटा होने से रोक सकते हैं। ज्यादा तली और फैट बढ़ाने वाली वस्तुओं का सेवन कम करें एवं पौष्टिक खाना एक निश्चित मात्रा में खायें इसके साथ ही व्यायाम प्रतिदिन करें अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका प्राणायाम, ध्यान-साधना अपने साथ जोड़ लें, मौसमी फल खायें। जब भूख लगे, तभी खायें 8-10 गिलास पानी का उपयोग प्रतिदिन करें। किसी आहार विशेषज्ञ की सलाह लेकर उसके मुताबिक आहार लें, वजन घटाने वाली दवाओं को न लें। लम्बे एवं स्वस्थ जीवन के लिए सन्तुलित एवं पौष्टिक आहार जरूरी है। वजन बढ़ाने वाले पदार्थों का प्रयोग न करें। इससे आप स्वस्थ एवं छरहरे तथा सुन्दर बने रह सकते हैं।
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