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गोमय, Cow Pat

गोमय, Cow Pat

गोमय, Cow Pat -

देशी गाय का गोबर अनेक गुणों से भरपूर है। धार्मिक शास्त्रों में भी इसे परम पवित्र माना गया है। किसी भी सामाजिक, मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों में उस स्थान की लिपाई गोबर से की जाती है और गोबर के गणेश जी व लक्ष्मी जी बनाकर पूजन करने का विधान है।

हमारे पूर्वज अपने घर को गाय के गोबर से लीपते थे। इससे उस स्थान के दूषित बैक्टीरिया नष्ट हो जाते थे। घर साफ, पवित्र और बैक्टीरियारहित बन जाता था। आज भी गांवों में कच्चे घरों को गाय के गोबर से लीपा जाता है।

वैज्ञानिक प्रयोगों से यह सिद्ध हो चुका है कि जिस स्थान की लिपाई गाय के गोबर से की जाती है वह स्थान शुद्ध, रोगाणुमुक्त एवं आणविक विकिरण से पूर्णतः मुक्त हो जाता है।

गोमय गाय के गोबर को कहते हैं। इसमें नाइट्रोजन, पोटेशियम, सोडियम, फास्फोरस, जिंक, मैग्नीज, आयरन, ताम्बा, बोरॉन, बोरेक्स, कोबाल्ट, गंधक, चूना आदि मिलते हैं।

देशी गाय के गोबर में ऐन्टीसेप्टिक, एन्टीडियोएक्टिव, एन्टीथर्मल, दुर्गन्धनाशक, शोधक, पोषक और   वीर्यवर्धक जैसे अनेकों गुण पाये जाते हैं।

देशी गाय का गोबर त्रिदोषनाशक, रक्तशोधक, विषघ्न, वीर्यवर्धक, वेदनास्थापक, स्वेदन, शिरोविरेचन, कृमिघ्न, कुष्ठघ्न है। यह पाचन संस्थान को सही करने वाला, दीपन, अनुलोमन, यकृत को उत्तेजना देने वाला, कृमि को नष्ट करने वाला है।

औषधीय उपयोग

1- सांप, बिच्छू, ततैया या अन्य जहरीले जीवों के काटने पर गाय के गोबर के रस में नीम की पत्ती का रस मिलाकर लगाने व अल्प मात्रा में पिलाने पर जहर कम होकर दर्द और सूजन सही होती है।

2- देशी गाय के गोबर के रस को आंखों में सुबह-शाम एक-एक बूंद डालने से रतौंधी रोग कुछ दिनों में सही होता है।

3- गाय के सूखे गोबर को जलाकर उसकी राख बनालें। उसमें आम की छाल को जलाकर उसका पाउडर और लाल नमक मिलाकर पीसकर रख लें। प्रतिदिन सुबह-शाम इस पाउडर को उंगली से दांतों में रगड़ें या मंजन की तरह घिसें। इससे दांतों में पानी लगना, दर्द, चीभन और मुख की दुर्गन्ध सही होकर दांत मजबूत बनते हैं।

4- गाय के गोबर की खाद खेतों में डालने से सभी तरह के अन्न, बहुत ही पौष्टिक और ज्यादा मात्रा में होते हैं और पूर्णतया केमिकल्स के जहर से मुक्त होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसके सेवन से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहती है।

5- घरों में गाय के गोबर की लिपाई टी.बी. आदि अनेकों बीमारियों के जीवाणुओं को नष्ट करती है।

6- गाय के गोबर के सूखे उपलों की आग में अनेको तरह की रस-रसायन से सम्बन्धित धातुओं की भस्में बनाई जाती हैं। जो अनेक रोगों को दूर करने में अत्यन्त उपयोगी हैं।

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