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प्राथमिक चिकित्सा, first aid

प्राथमिक चिकित्सा, First Aid

हमारे घर के किचिन में वह सभी चीजें उपलब्ध रहती हैं, जिससे हम किसी भी मरीज की प्राथमिक चिकित्सा कर सकते हैं।
आयुर्वेद कि विशेषता है कि उसका सहयोग व्यक्ति के प्रारम्भिक रोगों से लेकर जटिल रोगों तक सही करने में रहता है।
परिवार के व्यक्तियों को प्रतिदिन किसी न किसी शारीरिक परेशानी से गुजरना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में आप चौबीसों घंटे डॉक्टर के पास तो बैठेगें नहीं। इसके लिए जरूरी है कि आपको प्राथमिक चिकित्सा के रूप में कुछ घरेलू मसालों की जानकारी रहें, जो तुरन्त ही प्रभावकारी हो, ऐसे मसालों की जानकारी हम यहां दे रहे हैं।

अजवायन, Celery

1. अजवायन के पांच दाने भुने हुये और पांच दाने कच्चे को माँ या गाय के दूध में घोंटकर नवजात शिशु को पिलाने से पेट दर्द, गैस और पतले दस्त सही होते हैं।
2. अजवायन के चार दानों को माँ के दूध में पीसकर बच्चों को देने से उल्टी और दस्त सही होते हैं।
3. अजवायन का चूर्ण 3ग्राम को गरम पानी से लेने पर पेट के क्रमि नष्ट होते हैं।
4. अजवायन का तेल जोड़ों का दर्द सही करता है।
5. अजवायन, कालीमिर्च और कालानमक के समभाग चूर्ण की 2ग्राम की मात्रा को सादा पानी के साथ लेने से मंदाग्नि दूर होती है और भूख खुलकर लगती है।

अजमोद, Parsley

1. अजमोद के 15 दानों को बंगलापान में रखकर मुंह में हल्के-हल्के चबाकर उसका रस पीने से सूखी खांसी में आराम मिलता है।
2. अजमोद के लगभग बीस दानें मुंह में डालकर उसका रस चूसने से खाना खाने के बाद आने वाली हिचकी सही होती है।
3. दांतदर्द में अजमोद के कुछ दाने मुंह में डालकर दर्द करने वाले दांत से चबाने से दांतदर्द सही होता है।
4. अजमोद, कालानमक और गुड़ मिलाकर खिलाने से पेटदर्द, बदहजमी सही होती है।

अदरक (सोंठ), Ginger

1. अदरक का रस, नीबू का रस और कालानमक मिलाकर पीने से जठराग्नि तीव्र होती है और पाचनक्रिया सुधरती है।
2. भोजन के समय सलाद में अदरक डालकर खाने से भूख खुलकर लगती है।
3. अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से सर्दी, जुकाम और खांसी में आराम मिलता है।
4. अदरक के रस को आग में हल्का गरम करके कान में डालने से कानदर्द सही होता है।
5. अदरक के रस में प्याज का रस मिलाकर जोड़ों में गरम-गरम लेप करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
6. सोंठ और हल्दी को पानी में पीसकर चोंट में लेप करने से चोंट की सूजन व दर्द सही होता है।

कालीमिर्च, Black pepper

1. सर्दी, जुकाम और कफ की शिकायत हो गयी हो तो पांच कालीमिर्च के पाउडर को शहद के साथ सुबह और रात्रि में खाने से आराम मिलता है।
2. किसी व्यक्ति को धूल से या कई जगह का पानी पीने से एलर्जी होकर सर्दी, जुकाम या ज्यादा छींक आ रही हो तो प्रतिदिन तीन कालीमिर्च का पाउडर पानी के साथ सुबह और रात्रि में सोते समय लेने से आराम मिल जाता है।
3. कालीमिर्च के चूर्ण को मिश्री और गाय के देशी घी सें मिलाकर लगातार कुछ दिन तक खाने से आंखो के अनेक रोग मिटते हैं।
4. कालीमिर्च को पानी में पीसकर सूजन वाले स्थान में लगाने से सूजन मिटती है।

कपूर, Kapoor

1. कपूर का टुकड़ा चने के बराबर को, दांत में दबाने से दांतदर्द में राहत मिलती है।
2. कपूर को सिरके में पीसकर बिच्छू, बर्रैया के डंक मारे स्थान में लगाने से जहर उतरता है।
3. कपूर को नारियल के तेल में मिलाकर शरीर में मालिस करने से शीतपित्ती में लाभ मिलता है।
4. कपूर को गाय के देशी घी मे पीसकर दोनों नाक में दो-दो बूंद टपकाने से नकसीर बहना रुकती है।
5. कपूर को नारियल के तेल में मिलाकर बच्चों के सिर में लगाने से बाल घने एवं लम्बे होते हैं।

घृतकुमारी (ऐलोवेरा),  Aloe vera

1. ऐलोवेरा के रस को त्रिफला और कालानमक मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाने से पेट की अधिकांश परेशानियां दूर होती हैं।
2. अचानक आग से जलने पर घृतकुमारी के गूदे को जले हुये स्थान पर लगाने से वहां की जलन शान्त होती है और जले का निशान भी नहीं पड़ता है।
3. ऐलोवेरा जेल को चेहरे, हाथ और पैरों में प्रतिदिन लगाने से चेहरे की झाईयां दूर होती हैं और चमक बढ़ती है तथा हाथ पैरों की खुसकी मिटती है।
4. एलोवेरा के गूदे को हल्का आग में गरम करके फोडे़ में बांधने से वह जल्दी पकता है।

छोटी इलायची, Small Cardamom

1. केला खाने के बाद दो इलायची खाने से केला आसानी से पच जाता है।
2. चार या पांच इलायची और 20ग्राम मिश्री को मिलाकर एक गिलास शर्बत बनाकर पीने से गर्मी के मौसम में मस्तिष्क में चढ़ी हुई गर्मी शान्त होती है। पेशाब में हो रही जलन तथा कम पेशाब आने की समस्या भी दूर होती है।
3. छोटी इलायची के दानों को पीपरामूल के संग पीसकर गाय के देशी घी से चटाने पर कफजनित हृदय रोग में आराम मिलता हैं।

बड़ी इलायची, Big Cardamom

1. बड़ी इलायची के बीज और सौंफ को समभाग पीसकर, खाने के बाद इसकी फंकी लेने से पाचनशक्ति बढ़ती है।
2. बड़ी इलायची के बीजों को मिश्री के साथ लेने से आमाशय की गर्मी और जलन शान्त होती है।
3. बड़ी इलायची के बीजों को कालानमक के साथ लेने से अफारा और पेटदर्द मिटता है।
4. बड़ी इलायची के काढे़ में कालानमक मिलाकर कुल्ला करने से दांत और मसूढ़ों के रोग मिटते हैं।

प्याज, Onion

1. गर्मियों के मौसम में एक नग छोटी प्याज को जेब में डालकर रखने से लू लगने का खतरा कम हो जाता है।
2. कानदर्द होने पर प्याज के रस को हल्का गरम-गरम डालने से दर्द सही होता है।
3. प्याज को पीसकर आग में हल्का गरम करके फोडे़ में लगाने से फोड़ा पककर मवाद निकल जाता है और दर्द में राहत मिलती है।
4. प्याज को काटकर एक प्लेट में रखकर किसी कमरे में रखने से वहां के बैक्टीरिया व वायरस उससे चिपक जाते हैं और वहां का वातावरण शुद्ध होता है। उस प्याज को खाने के काम में नहीं लेना चाहिये।

मेथी, Fenugreek

1. अधकुटी मेथी 3ग्राम को रात्रि में 10ग्राम पानी में भिगो दें। सुबह वह पानी पी लें और मेथी के बीज भी चबा-चबाकर खा लें। इससे डायबिटीज (शुगर) धीरे-धीरे कन्ट्रोल होता है। शरीर में किसी भी जगह आयी हुई सूजन सही होती है और शरीर का दर्द दूर होता है।
2. मेथी के चूर्ण में गुड़ मिलाकर खाने से गठिया में आराम आता है।
3. मेथी के बीजों को या मेथी के पत्तों की पुल्टिस बनाकर चोट वाले स्थान में बांधने से दर्द सही होता है।

जीरा, Cumin

1. तीन ग्राम जीरा भुना हुआ, एक ग्राम कालानमक, दो ग्राम सौंफ को पीसकर छांछ में मिलाकर पीने से पेट में गैस बनना व बदहजमी की शिकायत दूर होती है।
2. जीरा और सोंठ को पानी में पीसकर लगाने से मकड़ी का जहर उतरता है।
3. जीरे का चूर्ण और कालानमक को दही में मिलाकर खिलाने से अतिसार सही होता है।
4. भुना हुआ जीरे का चूर्ण और कालानमक मिलाकर नींबू के रस में गर्भवती स्त्री को चटाने से उसका जी मिचलाना सही होता है।

कालीजीरी, Black cumin

1. कालीजीरी के चूर्ण को पानी के साथ सुबह एवं रात्रि में लेने से पेट के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं।
2. कालीजीरी को पीसकर नीम के तेल में मिलाकर चर्मरोगों में लगाने से चर्मरोग सही होता है।
3. पैरों के पक्षाघात में कालीजीरी को पानी में पीसकर लेप करने से आसातीत लाभ होता है।
4. कालीजीरी और बावची को गाय या बकरी के मूत्र में पीसकर सफेददाग में लगानें से दाग धीरे-धीरे सही होते हैं।

जायफल, Nutmeg

1. जायफल को माँ या गाय के दुग्ध में घिसकर बच्चों को पिलाने से उनका सर्दी-जुकाम सही होता है।
2. जायफल को पानी में पीसकर कुल्ला करने से मुंह के छाले मिटते हैं।
3. एक ग्राम जायफल को पानी में पीसकर पिलाने से जी मिचलाना सही होता है।
4. जायफल के चूर्ण को शहद के साथ सुबह चाटने से मन्दाग्नि मिटती है।

दालचीनी, Cinnamon

1. दालचीनी और लौंग पिसी हुई को शहद के साथ खाने से सर्दी-जुकाम और नाक बहना सही होता है।
2. दालचीनी और देशी कत्था को पीसकर 2ग्राम की मात्रा में पानी से खिलाने पर दस्त बन्द होते हैं।
3. दालचीनी के तेल को मस्तक पर लगाने से सर्दी से होने वाला सरदर्द सही होता है।
4. दालचीनी का तेल बहरापन सही करने वाला है।
5. दालचीनी के तेल को रुई में भिगोकर कीड़े लगे दांत में रखने से दांतदर्द सही होता है।

धनिया, Coriander

1. धनिया के बीज आधा ग्राम में दो ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह-शाम खाने से गर्मी का सरदर्द सही होता है। पेशाब खुलकर आती है।
2. धनिया के बीज पिसे हुये एक ग्राम में दो ग्राम मिश्री मिलाकर ठंडे पानी से सुबह खाली पेट कुछ दिन तक खाने से अम्ल पित्त में आराम मिलता है।
3. धनिया, सोंठ और कालानमक का काढ़ा बनाकर पिलाने से मन्दाग्नि सही होती है।
4. धनिया का चूर्ण और बेर की पत्ती को सिरके में पीसकर सिर में लगाने से सिर की गंज मिटती है।
5. धनिया के बीजों को चबाकर उसका रस गुटकने से गले के दर्द में आराम आता है।

नींबू, Lemon

1. आधा कटा हुआ नींबू में कालानमक बुरककर खाने के आधा घण्टा पहले चूसने से पाचनक्रिया सुधरती है और भूख खुलकर आती है।
2. नींबू के रस में एक चुटकी हल्दी और शहद मिलाकर चेहरे में लगाने से कील मुहांसे और झाईयां सही होती हैं।
3. नींबू का रस, प्याज का रस, अदरक का रस में कालानमक मिलाकर शर्बत बनाकर पीने से कब्ज की शिकायत में आराम मिलता है व भूख खुलकर लगती है।
4. सफर के समय नींबू में कालानमक डालकर चूसने से उल्टी की शिकायत सही होती है।

राई, Mustard

1. राई की गरम-गरम पुल्टिस सूजन वाले स्थान पर बांधने से सूजन में आराम मिलता है।
2. छः ग्राम राई को पानी में पीसकर पिलाने से वमन (उल्टी) होकर सभी तरह के विष निकल जाते हैं और कमजोरी भी नहीं आती है।
3. राई के तेल की शरीर में मालिस करने से शरीर में स्फूर्ति आती है और आलस्य मिटता है।
4. राई के बीजों को पानी में पीसकर लेप बनाये और बंदगाठ में लेप चढ़ायें, बंदगाठ बिखर कर आराम आ जाता है।
5. राई के बीज और कपास के पत्ते पीसकर लेप करने से बिच्छू का विष उतर जाता है।

लौंग, Cloves

1. दांतदर्द में एक लौंग को उसी दांत में दबाकर चबायें। दांत का दर्द सही होता है, या लौंग के तेल का फाहा दांत में दबाने से दांतदर्द सही होता है।
2. दो लौंग कच्ची और दो लौंग भुनी हुई को शहद के साथ खाने से सर्दी-जुकाम और खांसी में आराम मिलता है।
3. लौंग को पीसकर पानी में पकायें। वह पानी पीने से जी का मिचलाना सही होता है और अत्यधिक प्यास भी शांत होती है।
4. लौंग को प्रतिदिन खाने से मुख की दुर्गन्ध मिटती है।
5. लौंग के तेल की मालिस जोड़ों मे करने से गठिया का दर्द सही होता है।

लहसुन, Garlic

1. प्रतिदिन खाली पेट दो या तीन दानें लहसुन के खाने से हृदयरोग और जोड़ों के दर्द में लाभ मिलता है तथा कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।
2. 50ग्राम लहसुन, 10ग्राम हींग को 100ग्राम सरसों के तेल में पकाकर छानकर रख लें। जोड़ो के दर्द में इस तेल की मालिस करने से लाभ मिलता है।
3. कान के दर्द में इस तेल की दो-तीन बूदें डालने से लाभ मिलता है।
4. लहसुन की एक कली प्रतिदिन सुबह खानें से जोड़ों का दर्द और पेट की गैस सही होती है।

सौंफ, Fennel

1. खाने के बाद थोड़ी सौंफ खाने से पाचनक्रिया अच्छे से होती है।
2. सौंफ को खाने से मुख की दुर्गन्ध मिटती है।
3. सौंफ का चूर्ण 3ग्राम को सादा पानी से सुबह-शाम खाने से पेशाब की जलन दूर होती है।
4. सौंफ अजवायन और कालानमक को मिलाकर खाने के बाद खाने से पाचनक्रिया तीव्र होती है और भूख खुलकर लगती है।
5. सौंफ के चूर्ण को गाय के दूध के साथ पीने से बच्चे वाली महिला के स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ती है।

शहद, Honey

1. 20ग्राम शहद को प्रतिदिन सुबह लेने से पेंचिस की शिकायत दूर होती है।
2. प्रतिदिन खाली पेट शहद के सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
3. शहद में लौंग का चूर्ण डालकर खाने से सर्दी-जुकाम और खांसी में आराम मिलता है।
4. प्रतिदिन दो चम्मच शहद में एक चम्मच लहसुन का रस और पांच पत्ती तुलसी डालकर पीने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
5. दो चम्मच शहद, एक चम्मच नीबू का रस को एक गिलास गुनगुने पानी में डालकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से मोटापा  घटता है।

हल्दी, Turmeric

1. हल्दी, प्याज और थोड़ा चूना मिलाकर गर्म-गर्म चोट वाले स्थान पर बांधने से चोंट-मोच का दर्द दूर होता है।
2. हल्दी, नीम की पत्ती और चिरौंजी के बीजों को गुलाब के अर्क में पीसकर कुछ दिन सुबह-शाम चेहरे में लगाने से झाईयां और मुंहासे सही होते हैं।
3. एक चम्मच हल्दी और गुड़ को दूध में डालकर पीने से चोट या बदनदर्द सही होता है।

हींग, Asafoetida

1. हींग को जल में पीसकर नाभि और नाभि के चारो तरफ लेप करने से पेट की गैस निकल जाती है। पेटदर्द और अफारा सही होता है।
2. हींग को जल में पीसकर मस्तक के बगल, छाती और पसलियों में लेप करने से सर्दी जुकाम सही होता है।
3. हींग 5ग्राम को एक पोटली में बांधकर हिस्टीरिया (फिट्स) के रोगी के गले में लटकाने से दौरे पड़नें रुकते है़।
4. हींग का लेप दाद को सही करता है।
5. जोड़ों के दर्द में हींग का लेप तथा हींगबटी का सेवन करने से लाभ मिलता है।
6. नियमित हींग खाने वालों को नारू नहीं निकलता है और इसके लेप से नारू का कीड़ा समाप्त होता है।

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