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अनेक रोगो की जननी है एलर्जी

अनेक रोगो की जननी है एलर्जी, Allergy is mother of various diseases

प्रत्येक मानव की शारीरिक संरचना अलग-अलग होती है और इसी संरचना के अनुसार प्रकृति के सभी पदार्थ शरीर को उपयोगी नहीं होते हैं और जो पदार्थ शरीर में जाते ही तुरन्त एक विपरीत लक्षण पैदा करते हैं, हम उसी को एलर्जी के रूप में देखते हैं। जैसे- डस्ट, सौंदर्य प्रसाधन, तीव्र सुगन्ध, परागकण, फंगस, दवाइयां, खाद्य पदार्थ, धूल, काई, कीट-पतंगे, एवं पशु। एलर्जन का असर मरीजों में अलग-अलग पड़ता है, जो शरीर के अनेक अंग जैसे- श्वांस नली, आंख, नांक, चमड़ी।

श्वांस रोग में अधिकतर एलर्जन श्वांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। नाक से धूल के कड़ या फंगस के कण जैसे ही शरीर में प्रवेश करते हैं, तो शरीर तुरन्त प्रतिक्रिया करता है। हमें छींक आने लगती है, नाक तथा आंख से पानी आने लगता है।

एलर्जी करने वाले पदार्थ जैसे ही शरीर या फेफड़ों में प्रवेश करते है, तुरन्त ही शरीर की रक्षक प्रणाली एक्टिव हो जाती है और उन्हें खत्म करने की कोशिश करती हैं। इसी लड़ाई में श्वांस नली में चोटे और सूजन आती है। जिसे हम अस्थमा के रूप में देखते हैं।

इसके अलावा एलर्जी से अनेक प्रकार के रोग जैसे- एग्जिमा, शरीर में खुजली होना, ददोरे पडऩा, आंखों में एलर्जी होना, पेट में एलर्जी होना, अस्थमा होना व बुखार आना।

1. शरीर की चमड़ी पर एलर्जी का प्रभाव पडऩे से बार-बार खुजली होना, खुजली वाली चमड़ी का रंग लाल होना, सारे शरीर में ददोरे या दाने दिखना, बार-बार खुजली होना। ददोरों को खुजाने के बाद उनमें असह जलन होना।

2. श्वांस के साथ धूल के कड़ या अन्य एलर्जिक पदार्थ शरीर में प्रवेश करने पर तुरन्त छींके आना, नाक से पानी बहना, नाक लाल होना, आंख से पानी व जलन होना। सर्दी-जुकाम की शिकायत होना।

3. खाने के साथ कुछ एलर्जिक खाद्य पदार्थ जैसे ही पेट के अन्दर जाते हैं, तो पेट में तकलीफ पैदा हो जाती है और पेटदर्द, या बार-बार डकार आना तथा उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगना है।

4. अस्थमा के रोगियों में धूल के या अन्य एलर्जिक कण श्वांस नलिका में जाते ही श्वांस लेने में परेशानी होना, गले से सीटी की आवाज आना प्रारम्भ हो जाता है।

एलर्जी से बचाव

अगर किसी मरीज को यह पता चल जाये कि उसे किस चीज या पदार्थ से एलर्जी होती है तो उसे उस चीज से बचना चाहिये। अगर एलर्जी के कारणों का पता न लग रहा हो तो चमड़ी में एलर्जी की जांच करवा कर पता कर लें और उससे बचें। ज्यादातर धूल कणों, सीलन व फफूंदी, खास तरह के पेड़ पौधों के परागकण, कुछ पशु-पक्षी कैमिकल, उग्रगंध, सुगंध भीगे कपड़े या ठंडी चीजों से होती है। यह पता चलने पर इनसे बचना ही लाभदायक है।

चिकित्सा

1. 5 नग कालीमिर्च का पिसा हुआ बारीक पाउडर को सुबह खाली पेट पानी के साथ प्रतिदिन खाने से सर्दी जुकाम की एलर्जी सही होती है।

2. हल्दी का पिसा हुआ चूर्ण आधा चम्मच को शहद के साथ सर्दियों में प्रतिदिन खाने से कई तरह की एलर्जी सही होती है या गाय के दूध में एक चम्मच हल्दी का चूर्ण डालकर आग में गर्म करके एक उबाल आने पर आग से उतार कर उसमें गुड़ डालकर हल्का गरम-गरम प्रतिदिन पियें।

3. अदरक की तीन या चार फांके प्रतिदिन शहद से खाने पर सर्दी से होने वाली एलर्जी सही होती है।

4. गेरु का चूर्ण एक ग्राम को गुड के साथ सुबह-रात्रि तीन दिन लागातार खाने से छपाकी की एलर्जी सही होती है।

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