कहीं आपको पीलिया तो नहीं है, (Have you jaundice?)
कहीं आपको पीलिया तो नहीं है, Have you jaundice?
पीलिया (श्रंनदकपबम) रोग सुनने और देखने में जितना सामान्य लगता है, उतना होता नहीं है। इस रोग के प्रति थोड़ी सी लापरवाही काला पीलिया बन सकती है, जो रोगी की जान तक ले सकता है।पीलिया रोग आमतौर पर हेपेटाइटिस ‘‘ए’’ या ‘‘सी’’ वायरस के कारण फैलता है। इस रोग में पाचनतंत्र ठीक तरह से काम नहीं करता है और शरीर एवं आंखों का रंग पीला पड़ने लगता है। पीलिया रोग का मुख्य कारण दूषित एवं संक्रमित आहार को बार-बार लेना तथा किसी भी तरह से किसी वायरस या वैक्टीरिया का शरीर में प्रवेश करना व बाजार की चीजों के ज्यादा से ज्यादा उपयोग से लीवर में किसी तरह के इंफेक्शन होने पर उसके सही से कार्य न करने से एवं शरीर में खून की कमी से होता है।
पीलिया रोगी के लक्षण
’ आंखों की पुतली का सफेद भाग पीला दिखने लगना।’ शरीर एवं हांथ पैरों के नाखून का पीला दिखना।
’ मूत्र का रंग गहरा पीला हो जाना।
’ भूख कम लगना, उल्टी आना, शरीर में हल्का-हल्का बुखार रहना।
’ सरदर्द, शरीरदर्द व दाहिनी तरफ पेटदर्द।
’ शरीर में कहीं भी खुजली होना।
’ अचानक शरीर में अत्यधिक थकान महसूस होना और कमजोरी लगना।
पीलिया रोगी इन आहारों से परहेज करें-
’ चिकनाईयुक्त सभी खाद्य पदार्थों से दूर रहें।’ नमक का सेवन कम करें।
’ चाय और काफी का सेवन बन्द कर दें।
’ किसी भी तरह का नशा, मांसाहार, अंडा पूरी तरह से बन्द कर दे।
’ कोई भी गरिष्ठ आहार जैसे दाल, फलिया और मैदा से बनी या तली हुई चीजों का सेवन पूर्णतः बन्द कर दे, क्योंकि लीवर कमजोर होने से यह सब चीजें पचने में परेशानी होती है।
इन नुस्खों के उपयोग से पीलिया में लाभ मिलेगा-
- फिटकरी 50 ग्राम को पीसकर लोहे के तबे में डालकर आग में रख दें। थोड़ी देर में फिटकरी का चूर्ण पिघलकर पानी बन जायेगा। उसे लगातार आग में रहने दें, थोड़ी देर में फिटकरी से पूरा पानी उड़ जायेगा और सफेद डली की तरह होकर फूल जायेगा। उसे आग से उतार कर महीन पीस लें और एक-एक ग्राम मात्रा की 22 पुड़िया बना लें, प्रत्येक दिन सुबह एक पुड़िया फिटकरी के चूर्ण को खट्टे दही या छाछ में डालकर उसे गुड़ से मीठा करके पी लें। इसी प्रकार शाम को भी एक खुराक फिटकरी के चूर्ण को ऊपर लिखी विधि से खायें। 11 दिन में पीलिया सही हो जाता है।
- गन्ने का रस एक गिलास में नीबू, सेंधानमक व पुदीना की पत्ती का रस डालकर दिन में दो बार पियें।
- एक पके हुए केले में चने बराबर चूना लगाकर प्रतिदिन सुबह 11 दिन तक खायें।
- खजूर या छुहारा 5 नग प्रतिदिन खायें।
- खाने में मूली, सन्तरा, पपीता, तरबूज, अंगूर, टमाटर, पालक का उपयोग अधिक करें।
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