अनेक गुणों से भरपूर है ‘‘शहद’’(Honey is fulfil from various qualities)
अनेक गुणों से भरपूर है ‘‘शहद’’(Honey is fulfil from various qualities)
शहद को मधु भी कहते हैं, यह मधुमक्खियों द्वारा अनेक जाति के फूलों से रस चूसकर अपने छत्तों में इकठ्ठा किया जाता है। पहले यह रस पतला होता है, परन्तु इसे छत्तों में संग्रहित करने पर कुछ दिनों में गाढ़ा व स्वादिष्ट मीठा हो जाता है। यह शहद मधुमक्खियां अपने बच्चों के जन्म के बाद उन्हें पालने के लिए इकठ्ठा करती हैं। और मनुष्य छत्ता तोड़कर स्वयं खाता है। यह शहद अनेक तरह के फूलों के रस से बना होने के कारण इसमें अनेकों महत्त्वपूर्ण विटामिन्स, मिनिरल, पाये जाते हैं जो शरीर के लगभग प्रत्येक अंग के निर्माण में सहायक होते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं के योगों का सेवन शहद के साथ करने से उन योगों की रोग निवारण क्षमता बढ़ जाती है इसलिए शहद का महत्त्व और इसकी उपयोगिता हर समय रहती है। अगर, किसी व्यक्ति को कब्ज, गैस आदि की शिकायत रहती हो, तो एक ग्राम हरण को 20 ग्राम शहद के साथ प्रतिदिन सुबह खाली पेट खायें ऊपर एक गिलास पानी पीलें या 200 ग्राम सादे पानी में शहद घोलकर एक ग्राम छोटी हरण के चूर्ण को फांककर शहद मिला पानी पियें, यह क्रिया 90 दिनों तक करें, तो इससे लीवर बलिस्ट एवं क्रियाशील होता है। पाचन क्रिया बढ़ जाती है, कब्ज सही होता है। गैस बनना बन्द होता है। मीठे एलोवीरा का गूदा 20 ग्राम में बीस ग्राम शहद डालकर 90 दिन लिया जाय तो भी लीवर से सम्बन्धित परेशानियों सही होती हैं। गैस बनना, खट्टी डकारे आना, कब्ज रहना, भूख न लगना सही होता है। भूख खुलकर लगने लगती है, अगर किसी का पेट सदैव खराब रहता हो, पतली लेट्रीन लगती हो, जो अक्सर होती रहती है, तो उसे भी खाना खाने के बाद 20 ग्राम शहद को खा लेना चाहिये, कुछ दिनों में ही उसकी यह परेशानी सही होती है।सुबह एवं रात्रि में सोते समय 20 ग्राम शहद को 100 ग्राम गाय के दूध के साथ मिलाकर पीने से आंख की रोशनी बढ़ती है।
किसी को छय रोग (टी.वी) बार-बार होता हो, तो शुद्ध शहद का लगातार एक वर्ष तक सेवन करने पर उसके अन्दर रोग प्रतिरोधक शक्ति जाग्रत होत जाती है और टी.वी. के रोगाणुओं को पुनः पनपने नहीं देती है। जिन्हें वीर्य से सम्बन्धित परेशानियाँ रहती हो, जैसे स्वप्रदोष, वीर्य का पतलापन, आदि तो 20 ग्राम शहद को 200 ग्राम गाय के दूध के साथ प्रतिदिन सुबह पीने से 120 दिनों में यह परेशानी दूर होती है। जिसके शरीर में कमजोरी रहती हो वे व्यक्ति प्रतिदिन 20 ग्राम शहद 100 ग्राम दूध एवं 100 ग्राम सादा पानी मिलाकर पियें, कुछ दिनों के सेवन से शरीर की कमजोरी मिटती है और शरीर स्वस्थ एवं सुन्दर बनता है। बच्चों के दांत आने के समय उसके मसूढ़ों में प्रतिदिन शहद मलने से दांत आसानी से निकलते हैं। स्त्रियों के गर्भावस्था के समय प्रतिदिन 20 ग्राम शहद लेने से कमजोरी नहीं आती है एवं खून की कमी नहीं होती है। बच्चा हैल्दी एवं स्वस्थ पैदा होता है।
ध्यान दें शहद को गरम करके नहीं लेना चाहिये क्योंकि यह गरम होने पर विशाक्त हो जाता है।
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