सेहत के लिए लाभदायक है मौसम के अनुसार पानी पीना (Benefits for health to drink water according session)
सेहत के लिए लाभदायक है मौसम के अनुसार पानी पीना (Benefits for health to drink water according session)
हमारा शरीर पंचतत्त्वों- पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और वायु से निर्मित है। इनमें से किसी एक तत्त्व की कमी पूरे शरीर का सन्तुलन बिगाड़ देती है और शरीर में अनेकों परेशानियां खड़ी होने लगती हैं। सभी चिकित्सा पद्धतियों का मानना है कि हमारे शरीर में लगभग छिहत्तर प्रतिशत पानी की मात्रा रहती है। अतः शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें प्रतिदिन पानी को अधिक से अधिक पीना चाहिए।गर्मियों के मौसम में फ्रिज का ठंडा पानी पीना शरीर के लिये बहुत ही नुकसानदायक है, इससे शरीर में सर्द-गर्म होने का खतरा बढ़ जाता है। इसकी अपेक्षा घड़े का ठंडा पानी पीना ज्यादा हितकर है।
गर्मियों के मौसम में शरीर से ज्यादा पसीना निकलने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है और शरीर बेचैन व परेशान होने लगता है। अतः इस मौसम में भरपूर पानी पीना चाहिये।
गर्मियों के समय भरपूर पानी पीने से लू लगने का खतरा 95 प्रतिशत तक कम हो जाता है और शरीर का तापमान भी संतुलित रहता है तथा शरीर में एकत्रित विजातीय तत्त्व पसीने व पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं।
सर्दियों के मौसम में हल्का गुनगुना पानी पीना चाहिये। इससे शरीर को सर्दी कम लगती है और ठंड की वजह से होने वाली सर्दी-जुकाम भी नियंत्रित रहती है।
कुछ लोग बाथरूम जाने के डर से भी पानी कम पीते हैं। इससे लीवर की पाचन क्रिया प्रभावित होती है और शरीर के विजातीय तत्त्व भी पूर्णतया बाहर निकल नहीं पाते हैं।
वर्षाऋतु में बरसात होने की वजह से सभी तरह का पानी दूषित हो जाता है। उसमें अनेकों तरह के रोगों के जीवाणु मिल जाते हैं और उस पानी को पीने से हमारा शरीर रोगों से ग्रसित होने लगता है। ऐसे समय पर पानी को उबालकर ठंडा करके पीना स्वास्थ्य के लिये लाभदायक रहता है।
पानी उबालने की विधि- एक स्टील के भगौने में पानी डालकर आग में चढ़ायें, जब पानी उबलने लगे तो 3 मिनट तक उसे लगातार उबलने दें, फिर आग से उतारकर नीचे रख दें और ठंडा होने दें। जब पानी पूरी तरह से नार्मल हो जाये, तो उसे महीन मलमल के कपड़े से छान लें और घडे़ में भरकर ठंडा करें।
बरसात के मौसम में इसी तरह का पानी पीना चाहिये। इससे पानीजनित किसी भी तरह की परेशानी नही होती हैं और शरीर को किसी तरह का नुकसान भी नहीं होता है।
किसी बीमार व्यक्ति को भी इसी तरह का पानी उसके सही होने तक पिलाना चाहिए। क्योंकि दूषित पानी पीने से अधिकांश रोग के बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर उसके रोग को और बढ़ा देते हैं।
प्रतिदिन सुबह बिस्तर छोड़ने के तुरन्त बाद दो गिलास गुनगुना पानी पीने से पखाना सही ढंग से होता है और कब्ज की शिकायत दूर होती है।
प्रतिदिन सुबह दो या तीन गिलास पानी पीने से पेशाब खुलकर आती है, इससे शरीर से दूषित तत्त्व मूत्रमार्ग से निकल जाते हैं और किडनी स्वस्थ रहती है।
कुछ लोग खाना भरपूर खाते हैं परन्तु पानी आधा गिलास पीते हैं, इससे शरीर में पानी की कमी होती हैं। परिणामस्वरूप किडनी, रक्तचाप (ब्लडप्रेशर), जोड़ों का दर्द, चेहरे में कील-मुहांसे, बालों का झड़ना आदि कई परेशानियां खड़ी हो जाती हैं।
शरीर में भरपूर मात्रा में पानी रहने पर आंखों की जलन, पैरों की जलन, तलवों की जलन, शरीर के सभी हिस्सों की जलन सही होती है एवं जोड़ों का दर्द, हाथ-पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव नहीं होता है और शरीर स्वस्थ एवं चैतन्य रहता है।
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