सांस लेने में तकलीफ तो नहीं है।
सांस लेने में तकलीफ तो नहीं है। (Have your problem in breathing?)
अस्थमा-इस रोग का मुख्य कारण आक्सीडेन्टिव तनाव है, इसमें श्वसन नलिकाओं की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे फेफड़ों में जाने वाली ऑक्सीजन कम पहुंचती है, इस कारण हमारी बेचैनी बढ़ जाती है। छाती में जकडऩ हो जाती है। कफ की मात्रा बढ़ जाती है। सांस के साथ-साथ आवाज आने लगती है। अस्थमा पैदा होने के कुछ महत्त्वपूर्ण कारण हैं, किसी चीज से एलर्जी होना। प्रदूषित वायु का लगातार फेफड़ों में जाना।रोगप्रतिरोधक तंत्र का बहुत अधिक कमजोर होना तथा पर्याप्त मात्रा में फेफड़ों को ऑक्सीजन न मिलना है।
अस्थमा रोगी को खुली एवं स्वच्छ हवा में सांस लेना चाहिये। जिस चीज से एलर्जी हो रही हो उस चीज को खोज कर उससे बचने का प्रयास करिये।
दिन में कई बार गहरी सांस लेना चाहिये, जिस चीज के खाने से अस्थमा बढ़ता हो उसका परहेज करना चाहिये। पूर्ण पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिये।
पानी में शहद मिलाकर दिन में कई बार लेना चाहिये। अदरक को छीलकर नमक लगाकर सुबह एवं शाम को खाना चाहिये, ठंडी चीजें, वनस्पति घी, गरिष्ठ पदार्थ, बाहर के चाट, समोसे, तली चीजें, आदि का परहेज करना चाहिये। धूम्रपान से पूरी तरह बचें। धूल वाली जगह से बचें, ज्यादा सीलन वाली जगह में न रहें। कफ बनाने वाली चीजों को खाने से परहेज करें। सुबह खाली पेट तीन काली मिर्च दांतों में चबाकर खायें। इस रोग का पूर्ण इलाज अभी सम्भव नहीं है। किसी डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन करें एवं परहेज का पूर्ण ध्यान दें।
हल्के व्यायाम करें, गौमूत्र अर्क का सेवन प्रतिदिन करें इससे आपका जीवन आराम से कटेगा।
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