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दांतो के रोग, कारण और निवारण

Tooth diseases, Causes and sollution


दांतो के रोग, कारण और निवारण (Tooth diseases, Causes and solution)


बचपन में ज्यादा मीठा गुड़, चीनी, टाफी खाने की वजह से दांत में कीड़ा लग जाता है और दांत कमजोर हो जाते हैं इसके साथ ही खान-पान की अनियमितता की वजह से दांतों के बीच में खाद्य पदार्थ फंसा रह जाता है, जो वहां सड़न
पैदा करता है और मसूढ़ों में इफेक्शन पैदा करता है। मसूढ़ों में सूजन जाती है और धीरे-धीरे इफेक्शन बढ़ने लगता है। मसूढ़ों से खून आना, मसूढ़ों में मवाद पड़ जाना, दांतों की जड़ें कमजोर होना, दांतों का हिलना, दातों में कीड़े लगना, मुंह से बदबू आना, दांतों में दर्द होना, दांतों की जड़ों में पायदिया हो जाना, ठंडा गरम पानी लगना, खाना खाने में दांतों में दर्द होना आदि अनेक परेशानियां होने लगती हैं।

इन परेशानियों से बचने के लिए कोई अच्छा सा टूथपेस्ट मुलायम ब्रस का ही उपयोग करें। खाना खाने के बाद दोनों टाइम दांतों को ब्रुस से साफ करें और किसी अच्छी कम्पनी का माउथ फ्रेशनर का प्रयोग दिन में दो या तीन बार करें। इससे बहुत हद तक परेशानी काबू में जायेगी, अगर इसके बाद भी परेशान बनी रहे तो किसी दन्त-चिकित्सक से दांतों की सफाई करवायें और उनके द्वारा बताई हुई औषधियों का उपयोग करें। धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी।
इसके साथ ही खान-पान में सुधार अवश्य करें, साथ ही हम आपको एक आयुर्वेदिक नुस्खा बता रहे हैं, जिससे दांतों से खून आना सहित अनेकों परेशानियां दूर होती हैं, इसे लगातार तीन महीने तक उपयोग करें।

कालानमक की डली को आग में गरम करके पानी में बुझा लें और उस पानी से सुबह, दोपहर और शाम को कुल्ला करें या गरारे करें, इस पानी को मुंह में डालकर लगभग 10 मिनट तक मुंह में इधर-उधर करने के बाद थूक दें। इससे दांतों से सम्बन्धित अधिकांश तकलीफें दूर होती हैं। मसूढ़ों से खून आना, दर्द होना, दांतों में पानी लगना सही होता है।

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