ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की बीमारी है -
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की बीमारी है ( Osteoporosis is disease of bones)
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की बीमारी है। इसे पोरसबोन भी कहते हैं। इस बीमारी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और आगे गम्भीर अवस्था में हड्डियों की मजबूती पूरी तरह से समाप्त होजाती है, वे भुरभुरी हो जाती हैं। यहां तक कि थोड़ा वजन उठाने पर या थोड़ा व्यायाम करने पर भी उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में अगर कमर या कूल्हे की हड्डी टूट जाये, तो कितनी परेशानी होगी, इसका आप अंदाजा लगा सकते हैं। यह बीमारी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को ज्यादा होने का खतरा रहता है। परन्तु, इसका मतलब यह न निकालें कि पुरुषों को कोई चिन्ता करने की जरूरत ही नहीं है।यह बीमारी आमतौर पर ज्यादा उम्र के लोगों में अधिक पाई जाती है। परन्तु अनियमित खानपान या वंशानुगत कारणों से यह बीमारी किसी भी उम्र के रोगी को पकड़ सकती है। इसका पता जल्दी नहीं चलता है। जब कभी हड्डी टूटने की शिकायत खड़ी होती है, तभी इसका पता चलता है।
यह बीमारी अब तेजी से बढ़ रही है और लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। इसका सही कारण तो ज्ञात नहीं हो पाया है, परन्तु खाने की वस्तुओं में अधिकाधिक रसायनों का उपयोग एक महत्त्वपूर्ण कारण है। शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की पूर्ति न होना दूसरा कारण है।
ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए भरपूर कैल्शियम की जरूरत होती है। अगर पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी हमारे शरीर को मिलते रहें, तो इस परेशानी से बच सकते हैं। कैल्शियम हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है। इससे हड्डियों का वजन बढ़ता है, इनमें सघनता आती है और इनके टूटने का खतरा कम होजाता है।
शरीर को बचपन से ही कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम से ही हड्डियों का विकास होता है। शरीर प्रतिदिन कैल्शियम की कुछ मात्रा समाप्त कर देता है। अतः प्रतिदिन के आहार में एक निश्चित मात्रा में कैल्शियम लेना अनिवार्य है।
आयु के अनुसार कैल्शियम लेने की मात्रा तय की गई है। 9 से 18 वर्ष के उम्र के लड़के-लड़कियों को लगभग 1300 मिग्रा. प्रतिदिन, 19 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं और पुरुषों को लगभग-1000 मिग्रा. प्रतिदिन, 19 से 70 वर्ष की गर्भवती महिलाओं के लिए 1000 मिग्रा. प्रतिदिन, 50 वर्ष से अधिक महिला और पुरुष को 1200 मिग्रा. कैल्शियम प्रतिदिन लेना चाहिए।
दूध एवं उसके उत्पादों के माध्यम से हम कैल्शियम की पूर्ति कर सकते हैं। एक गिलास दूध में लगभग 300 मिग्र. कैल्शियम पाया जाता है। अतः दूध, दही, छाछ, पनीर, मिठाई चीज, श्रीखंड या अन्य दुग्ध पदार्थ लें। इसके साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों का सेवन भी इसकी पूर्ति करता है। सीजनल फलों का सेवन अत्यन्त लाभदायक हो सकता है। अगर कभी कोई परेशानी महसूस हो, तो उसे टालें नहीं। तुरन्त डॉक्टर की सलाह लें, तुरन्त इलाज करायें और स्वस्थ रहें।
Osteoporosis, ऑस्टियोपोरोसिस, Arthritis
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