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कही आपके चेहरे में मुहासे तो नहीं Have pimples on your face?

कही आपके चेहरे में मुहासे तो नहीं (Have pimples on your face?)

कही आपके चेहरे में मुहासे तो नहीं (Have pimples on your face?)

युवावस्था में मुहासे निकलना आम बात है, इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। ये मुहासे की फुन्सियां चेहरे, छाती तथा पीठ में निकलती हैं। इन फुन्सियों में मवाद पड़ जाता है, जो दर्द करता है, इनकी संख्या पर्याप्त हो जाती है
और चेहरा कुरूप लगने लगता है। अगर हम इन फुन्सियों को फोड़ कर इनका मावाद निकालने की कोशिश करते हैं तो यह और उग्र हो जाते हैं और सही होने के बाद भी दाग छोड़ जाते हैं, इसका कारण है कि हम इन्हें फोड़ कर मवाद तो निकाल देते हैं, परन्तु इनके नीचे दूषित गांठे होती हैं जिन्हें हम नहीं निकालते हैं, और यही गांठें इंफेक्सन पैदा करती हैं, जिससे वहां का इंफेक्सन बढ़कर दाग पड़ जाता है। अगर हम इस गांठ को पूरी तरह निकाल दे तो मुहासे दो-तीन दिन में सूख कर सही हो जाते हैं, और दाग भी नहीं पड़ता है।

मुहासे क्यों होते हैं

युवावस्था में हमारी त्वचा में तेलीय कोशिकाओं का तेजी से विकास होता है तथा सेक्स हार्मोन्स भी इसी उम्र में स्त्रवित होने शुरू होते हैं। जब हमारे शरीर की पर्याप्त सफाई नहीं हो पाती है तो हमारे रोमकूप बन्द हो जाते हैं और अन्दर ही अन्दर कीटाणुओं का जन्म होकर संक्रमण फैलकर फुन्सियों के रूप में हमारे सामने आता है। इसके साथ ही हार्मोन्स का असन्तुलन भी इन मुहासों को जन्म देने में अहम भूमिका निभाता है। इन सबका कारण अनियमित खानपान, चटपटा एवं ज्यादा तला हुआ खाना तथा अधिक मात्रा में मीठा व नमक मिला कर सेवन करना, अधिक चिकनाई युक्त खाना, ज्यादा मिर्च मसाले का उपयोग तथा ज्यादा मात्रा में चाय, काफी, आइसक्रीम का सेवन। हमेशा कब्ज की शिकायत, तथा अधिक मात्रा में कृतिम प्रसाधनों का उपयोग। अण्डा, मांस का सेवन भी इसका प्रमुख कारण है इसलिए कभी भी मांसाहार नहीं करना चाहिये तथा शराब सेवन, धूम्रपान भी नुकसानदायक है।  पेट में कीड़े पडऩे की वजह से हार्मोन्स का असन्तुलन भी इसका प्रमुख कारण है।

उचित उपचार

प्रतिदिन एक कटोरी में 200 ग्राम पानी डालकर ताजी नीम की पत्तियां 15-20 नग, गुलाब की पत्तियां 12-15 नग तथा नीबू डालकर आग में गरम कर उस गुनगुने पानी से चेहरे की सफाई करें, पानी अधिक मात्रा में पिये, मौसमी सब्जियों तथा फलों का सेवन करें तथा अंकुरित दालें, चना, गेहूँ का सेवन भी करें। प्रतिदिन प्राणायाम, भस्त्रिका 30 मिनट तथा हल्के योगासन करें। चेहरे में मुल्तानी मिट्टी में दही तथा गुलाब जल मिलाकर लेप करें एक घंण्टे बाद नीबू मिले गुनगुने पानी से धो दें। हल्का आहार ले कब्ज न बनने दे, खुली हवा में टहलें।
प्रतिवर्ष पेट के कीड़े की दवा का सेवन करें। क्योंकि जब पेट में कीड़े (पटार) हो जाते हैं तो वह आपके खाने को खाते हैं और वहीं आपकी आंतो में दूषित मलवा विसर्जित भी करते हैं, जो आपकी आंतो द्वारा उसका दूषित रस खींचकर खून में मिला दिया जाता है और धीरे-धीरे आपका खून दूषित होने लगता है, यही दूषित खून पूरे शरीर में भ्रमण करता है और अनेंकों बीमारियों को जन्म देता है इसलिए पेट के कीड़े को समाप्त करने के लिए प्रतिवर्ष कोई आयुर्वेदिक दवा का सेवन करना चाहिये।

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