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बिच्छू की दवा (Medicine to romove poison of scorpion)

Medicine to romove poison of scorpion


बिच्छू की दवा (Medicine to romove poison of scorpion)

बिच्छू नाम से सभी परिचित हैं। यह एक जहरीला कीड़ा होता है। बिच्छू का ज़हर बहुत ही ख़तरनाक दर्द देने वाला होता है। इसके काटने से उस जगह बहुत तीव्र जलन होती है, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाती है। बिच्छू के डंक मारे स्थान में असहनीय जलन, दर्द तथा भारीपन लगने लगता है। पूरे शरीर से पसीना आने लगता है। दर्द की अधिकता से अंग फटने लगता हैं या ये कहें कि बिच्छू के डंक मारे स्थान की पीड़ा असह ही होती हैं।

सावधानी:- बिच्छू के डंक मारे स्थान के 6 इंच ऊपर कपड़ा या रस्सी बांध देना चाहिये। जिससे, इसके आगे ज़हर शरीर को और प्रभावित न करें। इसके बाद ही दवाओं के माध्यम से प्राथमिक उपचार प्रारम्भ करें और उपचार के साथ-साथ डंक वाले स्थान के अन्दर घुसे डंक को किसी सुई या चिमटी के माध्यम से निकाल अवश्य देना चाहिये, जिससे दर्द को कम किया जा सके।

उपचार:- हम यहां पर कुछ घरेलू आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में बता रहे हैं, जो हमारे पूर्वजों के माध्यम से पता चला है। इनमें जो भी उपलब्ध हो, उनका उपयोग तुरन्त प्रारम्भ कर दें। इसमें देर करना तकलीफ को और बढ़ाता है।

  • इमली के बीजों को एक साफ पत्थर में पानी डालकर घिसें, जब इमली के बीज का ऊपरी छिलका घिस जाये, तो उसे बिच्छू काटे स्थान पर चिपका दे, वह चिपक जायेगा और धीरे-धीरे वहां ज़हर चूस लेगा, यह क्रिया दो या तीन बार दोहरायें, इससे दर्द में आराम मिल जाता है। बीज हर बार बदल दें।
  • जमालगोटे के बीज को भी घिसकर दंश वाले स्थान में चिपकाने से बिच्छू का ज़हर उतरता है।
  • बिच्छू के दंश वाले स्थान में सेंधानमक और प्याज को पीसकर लेप करके सिंकाई करने से आराम मिलता है।
  • पलास के बीजों को पीसकर दंश वाले स्थान में लेप करने से थोड़ी देर में आराम मिलने लगता है।
  • अपामार्ग (लटजीरा) की जड़ को पानी में पीसकर दंश वाले स्थान में लेप करने से दर्द में आराम मिलता है।
  • पुदीना के पत्तों को पीसकर दंश वाले स्थान में लेप करें और उसका रस पिलायें, इससे दर्द में आराम मिलता है।
  • माचिस की 10-12 तीलियों के मसाले को पानी में पीसकर दंश वाले स्थान में लेप करने से ज़हर उतरता है।
  • टाटरी (नीबू का सत) और पोटेशियम परमेगनेट (लाल पोटास) दोनों को अलग-अलग पीसकर चने बराबर मिलाकर बिच्छू के काटे वाले स्थान में रख दें और ऊपर एक बूंद पानी डालें, इससे उस स्थान में झाग बनने लगेगी, इसके तुरन्त बाद एक बूंद पानी और डालें, झाग और ज़्यादा बनेगी, दस सेकण्ड के बाद एक गिलास पानी डालकर उस दवा को बहा दें। इससे बिच्छू का ज़हर तुरंत उतर जाएगा। डंक का दर्द चौबीस घंटे रहेगा, अगर दंश वाले स्थान से डंक बाहर निकाल दें, तो दो घंटे में ही दर्द समाप्त हो जाता है।
  • अकौवा (मदार)- सफेद फूल के अकौवा का दूध 10 बूंद को सरसों के तेल को एक कटोरी में गर्म करके उस दूध को उसमें डालें, इससे उसमें भाप निकलेगी, उस भाप से डंक वाले स्थान में सेंक करे, इससे बिच्छू के डंक का दर्द कुछ ही देर में सही होता है।
  • सिलीसिया 200- यह एक होमियोपैथी दवा हैं। यह अपने आप में बहुत ही उपयोगी एवं कारगर दवा है। इस दवा को 10 मिली. की मात्रा में लाकर घर में रख लें। बिच्छू के डंक मारे मरीज को तीन-तीन बूंद दवा उसकी जीभ में 10-10 मिनट में डालें, इससे दर्द 30 मिनट के अन्दर सही होता है और डंक बाहर निकालने में मदद मिलती है। यह बहुत ही कारगर दवा है। इसके अलावा यह दवा ततैया या बरैया के काटने, मधुमक्खी के काटने, कांच लगने, सुई अन्दर टूटने या सैनिकों को बम के छर्रे अन्दर घुसने पर भी इस दवा का सेवन किया जा सकता हैं। इसके सेवन से दर्द दूर होता है और कुछ दिनों में इनका डंक निकल जाता है। सुई या छर्रे भी आसानी से कुछ दिनों में निकल जाते हैं। 


नोटः- अगर मरीज़ की हालत बिगड़ रही हो, तो तुरन्त डॉक्टर की सहायता ले लें। क्योंकि, किसी-किसी व्यक्ति को बिच्छू का ज़हर बहुत जल्दी चढ़ता हैं, इसलिए ध्यान रहे तुरन्त डॉक्टर की सलाह लेना फायदेमन्द रहेगा

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