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कहीं आप भी मोटापा बढ़ने से परेशान तो नही Are you worried about increasing obesity

Are you worried about increasing obesity


कहीं आप भी मोटापा बढ़ने से परेशान तो नही Are you worried about increasing obesity

शरीर का वजन (मोटापा) बढ़ना जितना शरीर को कुरूप बनाता है। उससे कहीं ज्यादा अनेकों बीमारियों को निमंत्रण देता है। जिससे शरीर, मन मस्तिष्क परेशान रहता है।

सोसायटी, पार्टी आदि में यार दोस्तों के बीच हंसी का पात्र बनता है। रोजमर्रा के कार्य प्रभावित होते हैं, चलने फिरने में परेशानी होती है। अनेकों बीमारियां जैसे-हृदय, उच्च रक्त चाप, दिल घबराना, अपने अन्दर हीन भावना पैदा होना आदि अनेकों परेशानियां पैदा होती हैं।

यह सब परेशानियों की जड़ बचपन से शुरू होती हैं। बचपन में पता ही नहीं होता है कि क्या खायें, कितना खांये ? मोटापा बचपन में मां बाप के प्यार का परिणाम भी होता है। सभी मां-बाप चाहते हैं कि हमारा बच्चा हष्ट-पुष्ट स्वस्थ शरीर का हो इसी कारण बच्चे को ज्यादा से ज्यादा दूध, घी, मक्खन, मिठाई, केला, पराठे, पूड़ी, समोसा, भजिया, पकौड़ा आदि फैटी खाना खिलाते एवं खुद खाते हैं। इस कारण से भी बच्चे का वजन बढ़ता है और कुछ समय में ही बच्चा मोटा दिखने लगता है। दूसरी बात भूख से अधिक चर्बी और वसायुक्त खाना खाना ही मोटापा का सबसे बड़ा कारण है। परन्तु मां-बाप जब तक समझते हैं तब तक बात बिगड़ चुकी होती है बच्चा मोटा हो चुका होता हैं। जैसे-जैसे लड़के और लड़की बड़े होते हैं। वैसे-वैसे मोटापा बढ़ता जाता हैं , आलसी और अकर्मण्य बन जाते हैं। जिससे सामाजिक परेशानियां भी बढ़ती है।

बच्चों की शादी भी प्रभावित होती है। अनेकों तरह की समाज से बातें आती हैं फलां लड़का या लड़की बहुत मोटा या मोटी हैं। इसलिये हम उससे अपने बच्चे या बच्ची की शादी नहीं करेंगे आदि।

मोटापा कैसे घटायें


  • सर्वप्रथम खाने में वसा और चर्बीयुक्त पदार्थों का सेवन बिल्कुल कम कर दें। दिन में कई बार खाने की आदत को सुधारें। खाने का समय निश्चित करें तथा भूख लगने पर ही सादा भोजन करें। हरी सब्जियों को तथा सलाद को ज्यादा खाने में उपयोग करें तथा खाना को ज्यादा से ज्यादा चबा-चबा कर खायें।
  • सुबह ब्रम्हमुहूर्त में उठने की आदत डालें अर्थात सूर्योदय के पहले अवश्य उठें, नित्य कर्म करने के पहले एक गिलास सादा पानी अवश्य पियें, फ्रिज का पानी जहां तक हो सके कम से कम ही उपयोग करें।
  • सुबह प्रतिदिन एक किलोमीटर पैदल टहलें व योग व्यायाम आदि करें, तथा अपने कार्य स्वयं करने की आदत डालें जिससे आपके शरीर की बढ़ी हुई कैलोरी (चर्वी) खर्च हो सके।
  • मांसाहार जैसे अंडा, मांस, मछली का उपयोग बिल्कुल न करें किसी भी तरह की शराब, गुटका, तम्बाकू, बीड़ी व सिगरेट आदि का सेवन पूर्णतः बन्द करदे। इस सब से लीवर तथा शरीर के सभी अंग प्रभावित होते हैं। जिससे मोटापे के साथ ही अनेकों बीमारियां घेर लेती हैं।
  • एक गिलास हल्के गर्म जल में दो चम्मच शहद तथा आधी फांक नीबू का रस निचोड़ कर सुबह-सुबह खाली पेट पी जायें तथा रात्रि में सोते समय गौमूत्र अर्क 10 ग्राम की मात्रा में दो चम्मच शहद के साथ पी लें, कुछ ही महीने में आपका वजन घटने लगेगा।
  • कत्था कलर की एक बोतल में सादा स्वच्छ जल भरकर छत में सुरक्षित स्थान पर रख दें जहां पर पूरी धूप उस बोतल में पड़ती रहे। इस प्रकार पांच दिन तक रखा रहने के बाद उस पानी को एक कप की मात्रा में खाने के बाद पी लें। इन सब नियमों को अपनाने से शरीर की फालतू चर्बी घटने लगेगी और आपका शरीर सुडौल एवं सुन्दर तथा फुर्तीला बन जायेगा।


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