कही आपको लू न लग जाय
कही आपको लू न लग जाय (Be alert from LOO)
गर्मियों के मौसम में सूर्य की तपिस बढ़ जाती है। शरीर का ऊपरी तापमान बढऩे लगता है। शरीर उस तापमानको सामान्य बनाये रखने के लिए अपने अन्दर समाहित पानी को पसीने के रूप में रोमकूपों से बाहर निकलता है, जिससे शरीर का तापमान सामान्य हो सके इस प्रक्रिया में हमारे शरीर का पानी कम होने लगता है और हमें जोरों की प्यास लगती है। हम तुरन्त ठंडा पानी पीते हैं। इस तरह जब कई बार होता है तो शरीर के तापमान का संतुलन बिगड़ता है और हमें सर्द-गर्म हो जाता है, नाक बहने लगती है, गला अवरुद्ध हो जाता है, हांथ-पांव जलने लगते हैं, शरीर में जलन बढ़ जाती है, शरीर सुस्त हो जाता है, शरीर में अकडऩ, दर्द, आलस्य, बेचैनी बढ़ जाती है। इसी को लू लगना कहते हैं।
बचाव -
1. गर्मी के दिनों में घर से बाहर जाते समय पानी पीकर ही जायें। अपने साथ में एक बाटल में पानी अवश्य ले जायें, दिन में कई बार पानी पिये, खाना कम खायें परन्तु पानी ज्यादा पियें। ज्यादा देर तक धूप में रहने के बाद तुरन्त ठंडा पानी मत पिये। कुछ देर छाया में गुजारने के बाद ही पानी पियें।2. ज्यादा देर धूप में रहने के बाद या ज्यादा प्यास लगने पर तुरन्त ठंडा कोल्ड्रिंक्स न पियें। वैसे भी ठंडे कोल्ड्रिंक्स नुकसानदायक होते हैं। शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।
3. गर्मियों में देशी पेय जैसे, दही की लस्सी, छाछ, घर में पीसकर बनाई हुई ठंडाई, गुलाब का शर्बत, पोदीने का शर्बत आदि ही पियें। बाहर बनाई ठंडाई या शर्बत न पियें तो अच्छा रहेगा।
4. भुने हुये कच्चे आम का पना जिसमें भुना जीरा, पुदीना, काला नमक, चीनी डालकर बनाया हो अवश्य उपयोग करें, इससे शरीर का तापमान सही रहता है। अन्दर की गर्मी शान्त होती है।
5. पुदीना की शिकंजी जिसमें भुना आम, नीबू, धनिया की पत्ती, पुदीना की पत्ती, कालानमक आदि रहता है जरूर पियें। यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहते हैं तथा लू नहीं लगती है।
6. गर्मियों के दिनों में खाने के साथ प्याज का सेवन अवश्य करें। कच्ची प्याज से एवं एक नग प्याज को अपनी जेब में रखने से लू लगने का खतरा कम हो जाता है।
7. गर्मियों के दिनों में बासी खाना या जिस खाने में खराब होने की महक आ गई हो उसे मत खायें। गरिष्ठ एवं तली हुई चीजें न खायें ज्यादा मिर्च मसाले युक्त भोजन न करें। खाना कम पानी ज्यादा पियें।
8. गर्मियों में छाछ का सेवन अमृत तुल्य कहा गया है, उपलब्ध होने पर अवश्य पियें
9. सत्तू जिसमें भुना हुआ चना, जौ तथा गेहूँ का आटा समभाग में मिलाकर एवं भुना जीरा डालकर उसे घोल कर पियें इससे गर्मियों में मष्तिष्क एवं शरीर का तापमान बराबर रहता है।
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